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Wednesday 27 March 2013

कहाँ आये थे, कहाँ को चले

 
नीचे लिखे ग़ज़ल के अशार  पिछले नौ साल की मेरी सफ़र-ए-राह-ए-उल्फ़त के मुख्तलिफ मराहिल हैं। ये मरहले हैं मुलाकात,कशिश, इकरार,इख्तिलाफ़, इंतज़ार-ओ-सबात  और विसाल।   मेरा  हमसफ़र गए माह के २४ तारीख़  को तमाम उम्र के लिए मेरा हमसाया बन गया।  शब्-ए-शादी मैंने अपने जज़्बातों को लफ़्ज़ों में आसीर करने की  सोची पर फुर्सत जो की अब तलक  हमेशा मेरे साथ रही बेसाख्ता  मुझसे रूठ गयी।  अगरचे एक माह और तीन रोज़  की देरी हुई है  पर आज फुर्सत मेरे पास है।  गोया ऐसा मालूम होता है की ये दोनों बाहम कभी नहीं रह सकती; रश्क निहायत ही बुरी बला है। या तो फुर्सत होगी या फिर यार का साथ होगा।  
 
कहाँ आये थे , कहाँ को चले 
 तुमको देखा तो हम फ़ना  हो चले
[फ़ना  = destroy ] 
 
शब्, माह, तारे, नग्मे, अरमां 
 तुम से मिलकर सब जवां हो चले 
 
राह-ए-जिंदगानी कब कहाँ ले चले  
 असरार-ए-दिल तुमको बता तो चले
[ असरार-ए-दिल = secrets of love]
 
इख्तिलाफ़ कई रहे अपने दरमियां   
पिन्हा दिलों  को हम मिला तो चले
[इख्तिलाफ़ = difference in opinion; पिन्हा = concealed/hidden ]

बड़े नाज़ से वो मुस्कुराए है इनदिनों
अलबत्ता मुद्दा क्या है पता तो चले
[ मुद्दा = reason]
 
 मुज़्तरिब अज़ल से रहा मुन्तज़िर
 तुम आये,अब बाद-ए-सबा तो चले
[मुन्तज़िर = awaiting; बाद-ए-सबा = wind ]

'मुज़्तरिब'

मेरे जेहन में बार बार मीर तकी  मीर ' के ये शेर आते  हैं जो शायद   मेरी  ग़ज़ल के  तर्गीब  (inspiration) हैं

[ परस्तिश = worship,]

 बहुत आरज़ू थी गली की तेरी
सो यां से लहू में नहा कर चले

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kahann aaye the , kahan ko chale
tumko dekha to fanaa ho chale
[fanaa = destroy ]
shab, maah, taare, naghme, armaan
tum se milkar sab jawaan ho chale
 
raah-e-zindagaani kab kahan le chale
asraar-e-dil tum ko bataa to chale
[ asraar-e-dil = secrets of love]
ikhtilaaf kai rahe apne darmiyaan
pinhaa dilon ko hum mila to chale
[ikhtilaaf = difference in opinion; pinhaa = concealed/hidden ]


bade naaz se wo muskuraaye hai inn dino
albatta mudda kya hai pata to chale
[ mudda = reason]

'muztarib' azal se raha muntazir
tum aaye, ab baad-e-sabaa to chale 
[muntazir= awaiting; baad-e-sabaa = wind ]

'Muztarib'

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